चुनाव हार जाने के बाद भी ढाई महीने तक राष्ट्रपति रहेंगे डोनाल्ड ट्रम्प!

चुनाव हार जाने के बाद भी ढाई महीने तक राष्ट्रपति रहेंगे डोनाल्ड ट्रम्प!
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काफ़ी गहमागहमी के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नतीज़े आ गये।और ये भी तय हो गया अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा।लेकिन इन सब के बीच एक बात अभी अनसुलझी है की जो बाइडन के चुनाव जीतने के बाद भी अभी कुछ दिनों बाद भी डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद बने रहेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद कैसे छोड़ेंगे और कैसे आगामी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) को पद सौंपेंगे, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। चुनाव के दिन से अगले 11 हफ्तों के बीच ट्रंप प्रशासन बाइडन के लिए कैसे मंच तैयार करेगा।

जो बाइडन अमेरिका के नये राष्ट्रपति होने जा रहे हैं और डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस (White House) को अलविदा कहेंगे।

नवंबर के पहले हफ्ते में चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो जाने के बाद 20 जनवरी को बाइडन अपने राष्ट्रपति काल का शुभारंभ करेंगे। इसका मतलब यह है कि आगामी ढाई महीने तक ट्रंप ही अमेरिका के राष्ट्रपति कहलाएंगे, भले ही वो चुनाव हार चुके हैं।

तकनीकी तौर पर चुनाव हारने के बाद भी जाने वाले राष्ट्रपति को सत्ता सौंपने (Power Handover) के लिए जो समय मिलता है, उसे ‘ट्रांज़िशन’ समय कहा जाता है, जिसमें सत्ता हस्तांतरित की जाती है।

किसे कहते हैं ट्रांजिशन प्रकिया-

अमेरिका में प्रेसिडेंशियल ट्रांज़िशन प्रोसेस के तहत जाने वाला राष्ट्रपति अपनी तमाम शक्तियों के साथ ही सारे विभागों से संबंधित नीतिगत दस्तावेज़ आदि आने वाले राष्ट्रपति को हस्तांतरित करता है।

औपचारिक तौर पर चुनाव के दिन से शपथ ग्रहण के दिन के बीच यह प्रक्रिया होती है। यानी नवंबर के पहले मंगलवार से लेकर शपथ ग्रहण समारोह के मौके के बीच। हालांकि सत्ता सौंपने की शुरूआत चुनाव से पहले भी कभी शुरू की जा सकती है।

नए या अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सत्ता सौंपने के ट्रांज़िशन की अवधि सामान्य तौर पर 78 दिनों की तय होती है यानी 11 हफ्ते से एक दिन ज़्यादा।

आपको ध्यान हो तो साल 2000 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश और अल गोर के बीच जब चुनाव के नतीजे कोर्ट में तय होने के लिए चले गए थे, तब इस ट्रांज़िशन अवधि के लिए पांच हफ्तों का समय कोर्ट कार्यवाही में खर्च हो गया था।

20वें संशोधन में ट्रांज़िशन की अवधि कम की गई थी-

पहले ट्रांज़िशन का समय ज्यादा होता था साल 1933 में अमेरिकी संविधान में हुए 20वें संशोधन में ट्रांज़िशन की अवधि छोटी की गई थी। तब  यह 4 मार्च तक के लिए नियत थी, जिसे 20 जनवरी किया गया।

जाने वाले प्रेसिडेंट को ‘लेम डक’ प्रेसिडेंट भी कहते हैं, जिसे ऐसे राष्ट्रपति के तौर पर समझा जाता है जो पद पर तो है, लेकिन उसके पास बने रहने की ताकत नहीं है। किसी राष्ट्रपति की मौत हो जाने, उसे पद से ​हटाए जाने जैसे कारणों से भी ट्रांज़िशन के मौके आ सकते हैं।

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बाइडन को कैसे सत्ता हस्तांतरित करेंगें डोनाल्ड ट्रम्प-

photo source – ichowk.in

इस प्रक्रिया को समझने के लिए ताज़ा उदाहरण ये है कि इस साल मई के महीने में जब जो बाइडन को डेमोक्रेटिक पार्टी ने नामांकन तय किया था, तब ही ट्रांज़िशन टीम के लिए सरकारी संस्थाओं की बैठक शुरू हो गई थी।

सत्ता सौंपने के लिए चुनाव से पहले और चुनाव के बाद कुछ अहम स्टेज होती हैं। ट्रंप प्रशासन और बाइडन के बीच सत्ता सौंपने के लिए टाइमलाइन किस तरह है, देखिए।

8 अप्रैल 2020: बर्नी सैंडर्स के जाने के बाद माना गया कि बाइडन ही नामांकित होंगे।

20 जून2020: शुरूआती ट्रांज़िशन टीम की घोषणा हुई।

अगस्त 2020: डेमोक्रेटिक कन्वेंशन में बाइडन और कैलिफोर्निया सीनेटर कमला हैरिस नामांकित किए गए थे।

5 सितंबर 2020: एक पूर्ण ट्रांज़िशन टीम को सार्वजनिक तौर पर सामने लाया गया।

1 नवंबर 2020: ट्रांज़िशन के लिए डेडलाइन तय हुई।

3 नवंबर 2020: चुनाव यानी मतदान का दिन।

4 नवंबर 2020: ट्रांज़िशन वेबसाइट लाइव हुई।

7 नवंबर 2020: चुनाव संपन्न।

8 दिसंबर 2020: सेफ हार्बर की डेडलाइन तय हुई।

14 दिसंबर 2020: इलेक्टोरल कॉलेज की मीटिंग।

6 जनवरी 2021: कांग्रेस इलेक्टोरल कॉलेज के वोट गिनेगी।

20 जनवरी 2021: शपथ ग्रहण और नए राष्ट्रपति काल की शुरूआत।

चुनाव से पहले ही पहले ही प्लानिंग शुरू हो जाती है-

photo source – amarujala.com

मौजूदा समय में जिस तरह यह प्रक्रिया होती है, उसकी बुनियाद प्रेसिडेंशियल ट्रांज़िशन एक्ट 1963 ने रखी थी, जिसने शांतिपूर्ण ढंग से शक्ति सौंपने की व्यवस्था बनाई थी।

प्रैक्टिस के हिसाब से चुनाव से पहले ही इस प्रक्रिया के बारे में योजना बनाई जाती है क्योंकि इस प्रक्रिया में कई तरह के स्टाफ, संसाधनों और गतिविधियों में बदलाव होता है। चूंकि प्रशासनिक तौर पर बड़े बदलाव होते हैं इसलिए पहले से तैयारी करने की प्रैक्टिस रही है।

अमेरिका सरकार में सेवाएं देने वाले करीब 4000 पद ऐसे गैर सरकारी पद होते हैं, जो प्रेसिडेंट की मर्ज़ी से भरे गए होते हैं।

इन नियुक्तियों को समझना और इन्हें खाली करवाने के साथ ही व्हाइट हाउस, वन ऑब्ज़र्वेटरी सर्कल और कैंप डेविड जैसे सरकारी स्थानों को खाली करवाने की व्यवस्था करवाने और नए प्रशासन की नीतियों के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने जैसे कई काम ट्रांज़िशन प्रक्रिया के तहत किए जाते हैं।

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