विश्वविद्यालय के प्रत्येक कार्य में हो छात्रों का प्रतिनिधित्व प्रॉक्टर राय –

विश्विद्यालय के प्रत्येक कार्य में हो छात्रों का प्रतिनिधित्व प्रॉक्टर राय –
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विद्यार्थी किसी भी राष्ट्र के धरोहर होते हैं और हमारा कर्तव्य है कि हम उनको देश के योगदान के लिए प्रेरित करें यह कहना है।भाषा विश्वविद्यालय के चीफ़ प्रॉक्टर डॉ प्रवीण कुमार राय का राजधानी लखनऊ के हरदोई बाईपास रोड पर स्थित ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्विद्यालय इन दिनों तरक़्क़ी के नये अध्याय लिख रहा है।कहते हैं की व्यक्ति में कार्यों को करने कि लग्नशीलता और निर्णय लेने की क्षमता हो तो किसी भी संस्थान को क़ामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने में ज्यादा वक्त नही लगता। विश्विद्यालय के कुलानुशासक और उनकी प्रॉक्टोरियल टीम इन दिनों विद्यार्थियों को एक बेहतर माहौल देने के लिए प्रयासरत है छात्रों के साथ बेहतर संवाद स्थापित हो सके इसलिए ऐसे वातावरण के लिये काम कर रही है।

विश्विद्यालय में होगा छात्र सीनेट का गठन –

विश्वविद्यालय

विश्व विद्यालय के विद्यार्थी हमारे अपने हैं इसलिए हम चाहते हैं कि प्रत्येक निर्णय में उनकी सहभागिता सुनिश्चित हो इसलिए  बहुत जल्द विश्विद्यालय में  एक छात्र सीनेट का गठन किया जाएगा।जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच एक बेहतर संवाद स्थापित हो सकेगा और विद्यार्थी विश्विद्यालय की तरक्की में अपना योगदान दे सकेंगें। हम लगातार इसके लिए कोशिश कर रहे हैं और छात्रों की हर समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर है छात्र ही विश्विद्यालय को उसका स्वरूप प्रदान करते हैं विश्वविद्यालय छात्रों से ही बनता है।

छात्रों के लिये हरवक्त मेरे दरवाजे खुले-

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प्रॉक्टर डॉ।प्रवीण राय का कहना है कि किसी भी छात्र को कभी भी कोई भी समस्या हो तो वह निसंकोच कभी भी मेरे पास आ सकता है। इसके लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं। छात्र एक दोस्त की तरह अपनी सारी बातें हमसे शेयर कर सकते हैं। विद्यर्थियों को अपनी बातें रखने पूरा अधिकार है और हम उन्हें आश्वस्त करते हैं की विश्वविद्यालय  हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ा है। हम तो चाहते हैं विश्वविद्यालय का हर छात्र स्वनिर्भर हो और अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं कर सके। जिसके लिए विश्वविद्यालय की पूरी प्रॉक्टोरियल टीम हमेशा उनके साथ है।

लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी बनाई छात्र परिषद-

लखनऊ विश्वविद्यालय ने भी छात्रों को जनसरोकार के प्रति उनके कर्तव्यों को तय करने के लिये छात्रपरिषद का गठन किया है। छात्र राजनीति के रुप लखनऊ विश्वविद्यालय एक केन्द्र के रूप में जाना जाता रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने राजनीति से लेकर अलग अलग क्षेत्रों में देश को बहुत कुछ दिया है। साल 2005 में लखनऊ विश्वविद्यालय अंतिम छात्रसंघ चुनाव हुआ था।

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