भीमराव रामजी आम्बेडकर, डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर के बारे में जाने 25 तथ्य। यह तथ्य जानने के बाद आप स्वयं डॉ० आम्बेडकर को महामानव की श्रेणी में गिनेंगे।
डॉ० भीमराव रामजी आम्बेडकर के बारे में 25 तथ्य निम्नवत है :-
- भीमराव रामजी आम्बेडकर अपने माता-पिता की 14 वीं और अंतिम संतान थे।
- डॉ० आम्बेडकर का असली नाम अंबावडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव आम्बेडकर ने उन्हें स्कूल के रिकॉर्ड में आम्बेडकर उपनाम दिया।
- भीमराव रामजी आम्बेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पी०एच०डी०) की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे।
- डॉ० आम्बेडकर एकमात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स से जुड़ी हुई है।
- भारतीय तिरंगे में “अशोक चक्र” को जगह देने का श्रेय भी डॉ० आम्बेडकर को जाता है। हालांकि राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन को पिंगली वेंकय्या ने किया था।
- नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो० अमर्त्य सेन ने अर्थशास्त्र में डॉ० आम्बेडकर को अपना पिता माना।
- मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबासाहेब ने 50 के दशक में इन राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सन 2000 के बाद ही मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करके छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया था।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर की निजी लाइब्रेरी “राजगीर” में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं और यह दुनिया की सबसे बड़ी निजी लाइब्रेरी थी।
- डॉ० आम्बेडकर द्वारा लिखित पुस्तक “वेटिंग फॉर ए वीजा” कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक पाठ्य पुस्तक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में दुनिया के शीर्ष 100 विद्वानों की सूची बनाई और उस सूची में पहला नाम डॉ० आम्बेडकर का था।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक दुनिया के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
- डॉ० आम्बेडकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बाबासाहेब ने सिर्फ 02 साल 03 माह में 8 साल की पढ़ाई पूर्ण की। इसके लिए उन्होंने रोजाना 21 घंटे पढ़ाई करते थे।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर ने अपने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा ली, क्योंकि यह दुनिया में सबसे बड़ा धर्मांतरण था।
- “महंत वीर चंद्रमणि” एक महान बौद्ध भिक्षु जिन्होंने बाबासाहेब को बौद्ध धर्म में लाने की शुरुआत की, उन्हें “इस युग का आधुनिक बुद्ध” कहा।
- डॉ० आम्बेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से “डॉक्टर ऑल साइंस” नामक एक मूल्यवान डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किया है, लेकिन वे अब तक सफल नहीं हुए।
- डॉ० आम्बेडकर के नाम पर दुनिया भर में सबसे ज्यादा गाने और किताबें लिखीं गईं हैं।
- गवर्नर लॉर्ड लिनलिथगो और महात्मा गांधी का मानना था कि डॉ० आम्बेडकर 500 स्नातकों और हजारों विद्वानों से अधिक बुद्धिमान हैं।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर दुनिया के पहले और एकमात्र सत्याग्रही थे, जिन्होंने पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किया था।
- डॉ० आम्बेडकर ने 1954 काठमांडू (नेपाल) में आयोजित “विश्व बौद्ध परिषद” में बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ० आम्बेडकर को बौद्ध धर्म का सर्वोच्च पद “बोधिसत्व” दिया था। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “द बुद्ध एंड द धम्मा” भारतीय बौद्धों का “धर्मग्रंथ” है।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर ने तीन महापुरुषों, भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले को अपना “प्रशिक्षक” माना था।
- डॉ० आम्बेडकर की दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिमा है। उनके जन्म दिवस विश्व भर में मनाया जाता है।
- डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर पिछड़े वर्ग के पहले वकील थे।
- “द मेकर्स ऑफ द यूनिवर्स” नामक एक वैश्विक सर्वेक्षण के आधार पर पिछले 10 हजार वर्षों के शीर्ष 100 मानवतावादी लोगों की एक सूची ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई थी, जिसमें चौथे स्थान पर डॉ० आम्बेडकर का नाम था।
- डॉ० आम्बेडकर की पुस्तक “रुपया की समस्या – इसकी उत्पत्ति और उसके समाधान” की चर्चा वर्तमान समय में चारों ओर चर्चा हो रही है, जिसमें विमुद्रीकरण के बारे में कई सुझाव दिए हैं।
- दुनिया भर में हर जगह बुद्ध की बंद आंखों वाली प्रतिमाएं और पेंटिंग्स खूब दिखाई देती हैं, लेकिन डॉ० आम्बेडकर जो एक अच्छे चित्रकार भी थे, उन्होंने बुद्ध की पहली पेंटिंग बनाई जिसमें बुद्ध की आंखें खुलीं हुई हैं।
- डॉ० आम्बेडकर की पहली प्रतिमा वर्ष 1950 में बनाई गई थी।
- जब वह जीवित थे और यह प्रतिमा कोल्हापुर शहर में स्थापित की गई थी।
भारत के महान विद्वान डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर के बारे में 25 ज्ञात तथ्य जिन्होंने भारत के करोड़ों – करोड़ों लोगों और महिलाओं के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया।
उनके करोड़ों अनुयायियों द्वारा उन्हें भगवान के रूप में माना जाता है।
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