सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुदर्शन टीवी के शो ‘बिंदास बोल’ के एपिसोड के प्रसारण पर रोक लगा दी!

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुदर्शन टीवी के शो ‘बिंदास बोल’ के एपिसोड के प्रसारण पर रोक लगा दी!
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नई दिल्ली. नौकरशाही में मुस्लिमों की कथित ‘घुसपैठ’ पर सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के प्रसारण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कहा गया कि मीडिया में किसी तरह का स्व-नियमन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुदर्शन टीवी के शो ‘बिंदास बोल’ के एपिसोड के प्रसारण पर रोक लगते हुए कहा कि यह कार्यक्रम “मुस्लिम समुदाय का तिरस्कार करता” दिखाई देता है।

मीडिया संस्थानों की भाषाशैली चिंता जनक

कोर्ट ने कहा, जिस तरह से कुछ मीडिया संस्थान परिचर्चा का आयोजन कर रहे, यह चिंता का मामला है। कोर्ट ने सुर्दशन टीवी के प्रोग्राम को विषैला और समाज को बांटने वाला करार दिया है।

जस्टिस के. एम. जोसेफ ने कहा, मीडिया की आजादी बेलगाम नहीं हो सकती। मीडिया को भी उतनी ही आजादी हासिल है जितनी देश के किसी दूसरे नागरिक को इसलिए आजादी के नाम पर किसी को भी ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, जिससे समाज में घृणित भाव पैदा हो।

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने किया बचाव

(Sudarshan TV show) सुदर्शन न्यूज के कार्यक्रम पर कोर्ट में बोलते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘पत्रकार की स्वतंत्रता सर्वोच्च है।

प्रेस को नियंत्रित करना किसी भी लोकतंत्र के लिए विनाशकारी होगा, इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि जितनी आजादी देश के मीडिया को है उतनी ही आम व्यक्ति को भी है, इसका मतलब यह नहीं कि कोई जो मन चाहे वो टिप्पणी करें ।’

इस पर मेहता ने दलील देते हुए कहा कि ‘पत्रकार की स्वतंत्रता सर्वोच्च है।

प्रेस को नियंत्रित करना किसी भी लोकतंत्र के लिए विनाशकारी होगा।’ इस पर कोर्ट ने फिर कहा, आप टीवी डिबेट का तरीका देखिए। एंकर उन गेस्ट को म्यूट कर देते है, जिनकी राय उनसे अलग होती है। ज़्यादातर वक़्त स्क्रीन पर सिर्फ एंकर ही बोलते हैं।

कार्यक्रम के प्रोमो के बाद ही शुरू हो गया था विवाद

इस विवादित कार्यक्रम के हाल ही में जारी प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल ‘सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की घुसपैठ की बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिये एक कार्यक्रम प्रसारित करने को पूरी तरह से तैयार है।’ कार्यक्रम शुक्रवार रात आठ बजे प्रसारित होना था।

दिल्ली हाईकोर्ट भी एक बार लगा चुका है कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाण के शो ‘बिंदास बोल’ के विवादित ‘यूपीएससी जिहाद’ एपिसोड पर रोक लगा दी थी। इसका प्रसारण 28 अगस्त को रात आठ बजे होना था।

7 पूर्व नौकरशाहों ने दर्ज की थी याचिका

दरअसल, सुदर्शन न्यूज के कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए 7 पूर्व नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस कार्यक्रम के प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल, सरकारी सेवाओं में मुसलमानों की ‘घुसपैठ’ की साजिश पर बड़ा पर्दाफाश करेगा।

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