गौरतलब है कि भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ कफील खान मथुरा जेल में बंद थे यह आदेश चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की खंडपीठ ने डॉ कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल में बंद डॉ कफील खान (Dr Kafeel Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिल चुकी है, कोर्ट ने उन पर लगाए गए एनएसए को गलत बताते हुए हटा दिया है।
साथ ही कोर्ट ने कहा है कि डॉ कफील खान को जेल में डालना भी बुरा था। इसके साथ ही डॉ. कफील को तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिए हैं।
सोशल मीडिया पर कफ़ील की रिहाई को लेकर चला था बड़ा आंदोलन
आपको बता दे इससे पहले डॉ. कफील की पत्नी ने ट्विटर पर अपने पति की रिहाई को लेकर 4 अगस्त को एक मुहिम भी चलाई थी, जिसे लोगों का काफी समर्थन मिला था।
डॉ. कफील की पत्नी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डॉ. कफील के समर्थन में गुहार लगा चुकी है।
उन्हें कथित रूप से CAA के विरोध के बीच 13 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भड़काऊ भाषण देने के लिए इस साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
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सुप्रीम कोर्ट में की जा चुकी थी अपील, सर्वोच्च न्यायालय ने 15 दिनों के भीतर दिया था फैसला लेने का निर्देश
गौरतलब है कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉक्टर कफील खान की मां की अर्ज़ी पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा था।
डॉ. कफील अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए के तहत जेल में बंद हैं।
उनके ऊपर तीन बार एनएसए बढ़ायी गई है।
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