69000 शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से माँगी इच्छा मृत्यु

69000 शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों राष्ट्रपति माँगी इक्षा मृत्यु
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सूबे की राजधानी लखनऊ में बीते 35 दिनों से 69000 शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थी धरना रत हैं इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में वह दिन रात एक कर  इस कड़ाके की ठंड को मात दे रहे हैं और उत्तर प्रदेश के प्रशासन को उसकी हठधर्मिता से जगाने का प्रयास कर रहे हैं क्या है पूरा मामला हम आप को समझाते हैं।

दरअसल जब 69000 शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति आई तो छात्रों का कहना है कि उस समय सरकारी सरवर इतना खराब था की उनके फॉर्म भरते वक्त कुछ मानवीय त्रुटियां उनसे हो गई जिसमें अधिक प्राप्तांक/कम पूर्णांक,मेल/फीमेल सामिल है ऐसे प्रशासन द्वारा उनकी काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उनको नियुक्ति से बाहर रखा जा रहा है जबकि सभी अभ्यर्थी अपने मूल अभिलेखों के अनुसार प्रशासन द्वारा बनाई गई मेरिट में आते हैं सिर्फ मेरिट में ही नहीं आते हैं बल्कि उचित स्थान भी रखते हैं।

फुटपाथ बस अड्डों पर रात बिताने को मजबूर अभ्यर्थी-

बीते 35 दिनों सी राजधानी लखनऊ के बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज के मैदान में धरना दे रहे छात्र पूरी तरह से मानसिक शारीरिक व आर्थिक रूप से तंग हो चुके हैं ।इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में छात्र और छात्राएं दिन में तो अपना धरना बेसिक शिक्षा निदेशालय पर दे लेते हैं।लेकिन रात या तो फुटपाथ पर या किसी बस अड्डे पर गुजारते हैं। धरना दे रहे अभ्यर्थियों में कई सारी युवतियां भी है ।कुछ के तो छोटे-छोटे बच्चे भी साथ में है।ऐसे में प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए की इन छात्र छात्राओं के साथ उचित व्यवहार हो और इनकी मांगों को सुना जाए।

राष्ट्रपति और राज्यपाल को लिखी है चिट्ठी-

सारे प्रकार से प्रशासन से वार्ता करने के पश्चात मजबूर हो चुके हैं इन छात्रों ने रविवार को देश के राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति से निवेदन किया है कि वह इन्हें इच्छा मृत्यु करने की स्वीकृति प्रदान करें। सीतापुर से आई बबली पाल ने वाक्सी टॉक्सी हिंदी की टीम को बताती हैं की अब हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। प्रशासन का कोई भी अधिकारी सुनना नहीं चाह रहा है और सरकार भी अपनी हठधर्मिता पर खड़ी हुई है। ऐसे में हम इस शरीर का क्या करेंगे जब बीते 35 दिनों से हम राजधानी की सड़कों पर इधर उधर रात में भटकने को मजबूर है।

क्या कुछ मांगे हैं इन धरनारत अभ्यर्थियों की-

राजधानी लखनऊ में धरना दे रहे छात्रों का कहना है कि प्रशासन इनके मूल अभिलेखों को देखकर इन सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करें। यह सभी छात्र प्रशासन के द्वारा मानकों के आधार पर निर्धारित की गई मेरिट में उचित स्थान रखते हैं। और इनकी काउंसलिंग प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।ऐसे में अगर अब किसी भी चीज की आवश्यकता है तो यही है कि प्रशासन द्वारा इनके मूल अभिलेखों को जांच लिया जाए अथवा इनके फॉर्म में संशोधन का मौका देकर इनको नियुक्ति पत्र दे दिया जाए।

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