लखनऊ: यूपी के हाथरस में बीते 14 सितंबर को हुई रेप की घटना के बाद अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही हाथरस की Nirbhaya की मंगलवार सुबह मृत्यु हो गई। बीते रविवार उसे अलीगढ़ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया गया था। लेकिन हालत में सुधार नहीं हो सका।
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और संबंधित थाने के इंचार्ज को लाइन हाजिर किया है
लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने पहले छेड़खानी के आरोप में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 21 सितंबर को पीड़िता के होश में आने के बाद किए गए डॉक्टरी परीक्षण के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। जब पीड़िता का परीक्षण हुआ तो इसमें गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया। बाद में एक और आरोपी को अरेस्ट किया गया था।
इशारों में किया था हाथरस की Nirbhaya ने दरिंदगी को बयां
19 सितम्बर को पीड़िता का बयान लेने पुलिस अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज गई तो पीड़िता बेहोश थी। थोड़ी देर बाद होश आने पर पीड़िता ने इशारों इशारों में खुद पर हमले और बदतमीजी किए जाने की बातें ही बता सकी, जिस पर हमले के साथ-साथ 20 सितंबर को छेडख़ानी की धारा बढ़ाई गई। 22 सितंबर को फिर पहुंच कर पीड़िता का बयान दर्ज किया गया, जिसमें उसने इशारों-इशारों में अपने साथ हुई दरिंदगी को बयां किया था।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
पीड़िता कि माने तो शुरुआत में पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। घटना के 10 दिन बाद तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया उसने बताया, गैंगरेप की धारा भी तब जोड़ी गई, जब मेरी बहन ने सर्किल ऑफ़िसर को बयान दिया और अपने साथ हुई दरिंदगी के बारे में इशारों से बताया।
In Uttar Pradesh, REEL has become REAL.#ShameOnYogi pic.twitter.com/lkFak4WHcw
— AAP (@AamAadmiParty) September 29, 2020
शुरुआत में पुलिस ने बस हत्या की कोशिश का मुक़दमा दर्ज किया था और एक ही अभियुक्त को नामित किया था।
परिजनों का कहना है कि पीड़िता बेहोश थी और उसे नहीं पता था कि उसके साथ क्या हुआ है।
पीड़िता के भाई का कहना है, “मेरी माँ और भाई बदहवास हालत में थाने पहुँचे थे। उन्होंने उस समय जो समझ आया, वही तहरीर दे दी थी। लेकिन पुलिस ने 10 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की।”
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पुलिस पर लापरवाही के आरोप पर एसपी कहते हैं, “परिवार ने जो तहरीर दी, वही मुक़दमा शुरू में दर्ज हुआ। बाद में जाँच के दौरान जब लड़की का बयान लिया गया, तब गैंगरेप की बात सामने आई और ये धारा जोड़ दी गई।
कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष “अजय कुमार लल्लू”ने मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
कांग्रेस के यूपी चीफ अजय लल्लू ने हमसे बात करते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पताल में ज़िदंगी की जंग हार गई हाथरस की बेटी, जो 14 सितंबर से इलाज़रत थी।
पुलिस ने 8 दिन बाद गैंगरेप की धारा जोड़ी क्योंकि आरोपी विशेष जाति वर्ग के थे। जो हैवानियत हाथरस की बेटी के साथ हुई है, यह उप्र पर कलंक है। यह कैसा रामराज्य है? जहां बेटियां सुरक्षित नहीं!
हाथरस के जिला अधिकारी और वहां के एसएसपी ने पूर्ण रूप से लापरवाही बरती है, इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए और मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
किसके दबाव में 8 दिन तक गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी गई? पीड़िता पर बयान बदलने के लिए किसने दबाव बनाया? एयर एंबुलेंस सिर्फ बड़े लोगों के लिए क्यों? सरकार के अफ़सर ने किसको बचाने के लिए घटना को 'फेक' बताया? आरोपी एक जाति विशेष वर्ग के है इसलिए यह सब हुआ? सीएम को जवाब देना होगा।
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) September 29, 2020
खेत में मजदूरी करने गई तभी हुई दरिंदगी का शिकार हाथरस की Nirbhaya
19 वर्षीय पीड़िता हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव की रहने वाली थी। पिता मजदूरी करते हैं। 14 सितंबर को जब वह खेत में मजदूरी कर रही थी तभी उसके साथ गैंगरेप हुआ। दरिंदगी की शिकार पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई। आरोपियों ने उसकी जीभ भी काट दी थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी।
A drug case is being discussed in media from past 2 months but a rape or murder of a common girl of the nation is never get a short coverage on news channels 🤷🏻♀️ . A rape or murder case of a girl is not important for media and government to debate #JusticeForManisha #ShameOnYogi pic.twitter.com/suW0mN8oAH
— rajjo 🤷🏻♀️ (@naginaa_) September 29, 2020
लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सख्त कार्यवाही-अपर्णा यादव
लखनऊ की कैंट विधानसभा से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रही मुलायम सिंह यादव की सबसे छोटी बहू अपर्णा यादव ने वाक्सी टॉक्सी से बातचीत करते हुए कहा की हाथरस में हुए जघन्य अपराध में उस बच्ची के साथ जो भी हुआ वह बहुत ही दुर्दांत और भयावह था ऐसा कृत्य करने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाए और उनको तत्काल फांसी की सजा सुनाई जाए और इस क्रम में जिस भी पुलिसकर्मी ने लापरवाही बरतने की कोशिश की है उनको तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।
#हाथरस में छोटी बच्ची के साथ जो भी हुआ वो क्रूरता है ।मैं सरकार से अपील करती हूँ की इन लोगो को फाँसी दें।सरकार से एक और माँग है कि उन सभी पुलिस कर्मियों को निलम्बित करें हमेशा के लिए जिन्होंने उस बच्ची के प्रति अपराधियों का मुक़दमा नहीं दर्ज किया।@PMOIndia
— Aparna Bisht Yadav (@aparnabisht7) September 29, 2020