Romantic Shayri in Hindi
Romantic Shayri in Hindi
एक तो ये मेरा तज़ुर्बा है के तुमसे इश्क़ है बस
और तुमने भी यही कहा है के तुमसे इश्क़ है बस
ये रदीफ़े ये काफ़िये जैसे मुस्कुराने लगे हैं
शायद ग़ज़लों ने ज़िक्र किया है के तुमसे इश्क़ है बस
ताज़्ज़ुब है के तुम अनजान हो तो भला हो कैसे
के सारे शहर को पता है के तुमसे इश्क़ है बस
सबूत-ए-इश्क़ और क्या के मेरे घर की
दीवार-ओ-दर पे लिखा है के तुमसे इश्क़ है बस
सारी दलीलें झूठी हैं, सारे दावे ये फ़र्ज़ी हैं
मुझे बस इतना पता है के तुमसे इश्क़ है बस
Love Shayri in Hindi : देर तक जब भी नज़रे टिकाता हूँ, मुझे तुम याद आते हो
Romantic Shayri in Hindi
बसंती मार्च की वो
रंग भरी दुपहरी
रंगों से सराबोर लोग
और वहीं कहीं खड़ा मैं
ढूँढता रहा हूँ तुम्हें
दोनो मुठ्ठियों में लिए गुलाल
हर आहट हर दस्तक़ पर
नज़रे उधर
उधर
सीढ़ियों वाली चौखट पर
ठिठक जाती रही हैं हर दफ़ा…
हर दफ़ा
वो मुठ्ठियाँ
किसी और के गालों पर
छपती, खुलती, सिमटती रही हैं
हर दफ़ा
मेरे पाँव
किसी और के साथ
थिरकते रहे हैं
हर दफ़ा
इशारों इशारों में
बिरजू वही एक सवाल
पूछता रहा है
हर दफ़ा
सीढ़ियों पर
रंग गिरता रहा है
और आख़िर तक
ठीक आख़िर तक
तुम्हरा…
बस तुम्हारा
इंतज़ार होता रहा है
वो पीला गुलाल
मेरे शर्ट की ज़ेब में
अब भी रक्खा पड़ा है !!
Romantic Shayri in Hindi
पता नही ख़ामोश था या आवाज़ करता रहा
यूँ लगा कि जैसे सन्नाटा आवाज़ करता रहा
रात भर घर मे जाने क्या आवाज़ करता रहा
शायद कल रात का लिखा आवाज़ करता रहा
वो जब जब हमारी गली से गुजरे
कोई न कोई मिसरा आवाज़ करता रहा
वो चुपचाप हम्म हम्म करके सिर हिलती रही
उफ़्फ़ उसके कान का झुमका आवाज़ करता रहा
रात गए बस्ती में सब जागते रहे
एक बिन माँ का बच्चा आवाज़ करता रहा
मंत्री जी का भाषण और भीड़ का मतलब
बहरों के कानों में गूंगा आवाज़ करता रहा
शरीफों की महफ़िलों में आजकल रातभर
घुँघरू तवायफ़ की पाज़ेब का आवाज़ करता रहा
हर दफ़ा वो Silent पे बताती रही
हर दफ़ा फ़ोन उसका आवाज़ करता रहा