आखिर कौन हैं किसान आंदोलन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से पीछे हटने वाले भूपिंदर सिंह मान ?

एक किसान और स्वयं एक यूनियन नेता के रूप में, किसान संघों और आम जनता के बीच भावनाओं और आशंकाओं को देखते हुए मैं पंजाब या किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं।

आखिर कौन हैं किसान आंदोलन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से पीछे हटने वाले भूपिंदर सिंह मान ?
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का समाधान निकालने के लिए गठित की गई चार सदस्‍यीय कमेटी में शामिल पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू) ने इस समिति से खुद का नाम वापस लेने का फैसला लिया है।

उन्होंने अपने जारी बयान में कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने मुझे चार सदस्यीय कमेटी में मनोनीत किया ताकि केंद्र के लाए गए तीन क़ानूनों पर किसान संगठनों से बातचीत शुरू हो सके।

भारतीय किसान यूनियन द्वारा जारी एक प्रेस स्‍टेटमेंट में भूपिंदर सिंह मान की तरफ से कहा गया कि ‘केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान यूनियनों के साथ बातचीत करने के लिए मुझे 4 सदस्यीय समिति में नामित करने को लेकर मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभारी हूं।

एक किसान और स्वयं एक यूनियन नेता के रूप में, किसान संघों और आम जनता के बीच भावनाओं और आशंकाओं को देखते हुए मैं पंजाब या किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं। मैं खुद को समिति से हटा रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।

भारतीय किसान यूनियन से टूटे संगठन के अध्यक्ष हैं मान-

भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन से टूट कर बने संगठन बीकेयू (मान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के भी अध्यक्ष हैं।1966 में उन्होंने पंजाब खेती बाड़ी यूनियन भी बनाई थी जो 1980 में बीकेयू बनी। बीकेयू से टूट कर कई यूनियन बनी हैं।

वे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक माने जाते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह जब पंजाब के सीएम बने, मान ने धान की ख़रीद को लेकर उनकी तारीफ़ में बयान भी जारी किया था।

मान को 1990 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था और वे छह साल राज्यसभा सांसद रहे। कृषि मंत्री नरेंदर सिंह तोमर को लिखी अपनी चिट्ठी में उन्होंने कृषि क़ानूनों का समर्थन भी किया था लेकिन साथ ही कहा था कि इन्हें कुछ संशोधनों के बाद लाया जाए।

एमएसपी को लेकर भी वे सरकार से लिखित में आश्वासन मांग रहे थे कि इसे ख़त्म नहीं किया जाएगा।

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सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित कमेटी में मान समेत चार लोग शामिल हैं-

उच्चतम न्यायालय ने चार लोगों की कमेटी गठित की है। जिसमें भूपिंदर सिंह मान के साथ-साथ प्रमोद जोशी, अनिल घनवंत और अशोक गुलाटी को इस कमेटी में शामिल किया गया।

अशोक गुलाटी कृषि विशेषज्ञ हैं और भारत सरकार को एमएसपी के मुद्दे पर सलाह देने वाली कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। इन्हें 2015 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है। वे इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनमिक रिलेशंस में प्रोफ़ेसर भी रह चुके हैं।

प्रमोद जोशी नेशनल एकेडमी ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च मैनेजमेंट के डायरेक्टर रह चुके हैं और आर्थिक-कृषि मामलों के जानकार हैं।

अनिल घनवत महाराष्ट्र के बहुचर्चित शेतकारी संगठन के प्रमुख हैं। इस संगठन की शुरुआत किसान नेता शरद जोशी ने की थी।

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