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उत्तर प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार,निजीकरण के खिलाफ अब अधिकारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर!

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पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई जिलों में रहने वाले लोगों का बुरा हाल है, इसकी वजह है पिछले करीब 24 घंटे से बिलजी की सप्लाई न होना।

दरअसल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी, बिजली विभाग के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे बिजली की सप्लाई पर असर पड़ गया है।

लोगों को रोजमर्रा की जरूरतें जैसे- पानी वगैरह नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे उनको रोजमर्रा के काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शीर्ष अधिकारी भी अब हड़ताल पर-

निजीकरण के विरोध में यूपी पावर ऑफिसर्स असोसिएशन ने भी मंगलवार शाम 4 बजे से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है।

राज्य के बिजली कर्मचारी और संविदाकर्मी सोमवार से हड़ताल पर हैं। बीते दो दिनों में जनता का बुरा हाल हो चुका है। फॉल्ट की मरम्मत सहित उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े कामकाज प्रभावित हैं।

अधिकारियों के असोसिएशन ने एक पत्र जारी कर कहा, ‘5 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री के साथ बातचीत में संगठन और प्रबंधन के बीच सुधारों को लेकर सहमति बन गई थी। मगर पावर कार्पोरेशन के उच्च प्रबंधन का अपनी बात से मुकरना और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। इससे पावर ऑफिसर्स असोसिएशन के सदस्यों के सामने आंदोलन पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।’

एसोसिएशन ने आगे कहा, ‘इस सबकी वजह से अगर प्रदेश की जनता को समस्या का सामना करना पड़ता है तो इसके लिए पावर कॉर्पोरेशन का शीर्ष प्रबंधन और यूपी सरकार जिम्मेदार होंगे। इसलिए एसोसिएशन ने मंगलवार शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर जाने का फैसला किया है।

पावर कारपोरेशन के चेयरमैन बढ़ा रहे हैं मुश्किलें वरना सरकार बैकफुट पर-

बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के चलते सोमवार शाम को ही ऊर्जा मंत्री ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लिया।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने अपनी मांगें रखीं।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कर्मचारियों के बीच जाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। हालांकि यूपी पावर कारपोरेशन और विद्युत कर्मचारियों के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई है।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश के बावजूद यूपीपीसीएल चेयरमैन ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए। चेयरमैन ने सहमति पत्र पर विचार करने के लिए समय मांगा है। इस तरह अभी बिजलीकर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी।

बिजली संकट बीच जनसमस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक-

उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते बिजली न होने की वजह से अब लोगों को पीने के लिए पानी तक मिलना मुहाल है। हालात की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि मंगलवार को सीएम योगी के घर पर ऊर्जा मंत्री, प्रमुख ऊर्जा सचिव समेत विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग चल रही है। मीटिंग में हड़ताल के कारण उपजी परिस्थितियों पर चर्चा और इससे उबरने का रास्ता निकालने पर बातचीत जारी है।

कई जनपदों में हो रहा है जीना मुहाल-

पूर्वांचल के कई सारे जिलों जैसे देवरिया, आजमगढ़, बाराबंकी, मऊ, गाजीपुर, प्रयागराज चंदौली, मिर्जापुर में बिजली कटौती से लोग परेशान हो रहे हैं।

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शहर दर शहर लोग बिजली गुल होने की वजह से परेशानी में हैं। प्रयागराज के कुछ इलाकों में लोगों ने बिजली कटौती से परेशान होकर चक्का जाम कर दिया।

झूसी बिजली उपकेंद्र में कर्मचारियों ने ताला लगा दिया। लोगों को पानी की सप्लाई टैंकर वगैरह से कराने की कोशिश की जा रही है।

कोविड में विद्युत सेवा बाधित करना गैरकानूनी-

वर्तमान में शासन, प्रशासन कोविड महामारी से  जूझ रहा है। विद्युत सेवाएं आवश्यक सेवाएं हैं। इन्हें बाधित करना गैर क़ानूनी है।

एक प्रधानमंत्री जिनके आह्वान पर पूरा देश एक दिन का उपवास रखने लगा।

संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा जो स्थिति उत्पन्न की जा रही है वह स्वीकार्य नहीं है सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सबको बिजली ,पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली के ध्येय वाक्य पर कम कर रही है।

UPPCL और उसके सहयोगी निगमों द्वारा उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने, अधिकतम सेवाओं को आनलाइन माध्यमों से उपलब्ध कराने व सही बिल समय पर बिल उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है।

सरकार अपने ध्येय वाक्य पर कर रही काम-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली कर्मचारियों से अपील की है कि वह जनता के हितों का ध्यान रखते हुए हड़ताल और कार्य बहिष्कार जैसी कार्रवाई न करें। साथ ही साथ ही प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि समिति की ऐसी किसी गैर क़ानूनी हड़ताल और कार्य बहिष्कार का सरकार द्वारा सामना करने की स्थिति में धैर्य बनाए रखकर सहयोग करें।

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