सम्प्रदायिकता की बयार में आये लव जेहाद अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी समूचे उत्तर प्रदेश में हुआ लागू

सम्प्रदायिकता की बयार में आये लव जेहाद अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी समूचे उत्तर प्रदेश में हुआ लागू
Reading Time: 4 minutes

”कोई समझे तो एक बात कहूं ,

 इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं”

लखनऊ- सालों पहले फिराक गोरखपुरी साहब ने जब प्रेम की पवित्रता के बखान में ये पंक्तियां लिखी थीं। तब किसे पता था आने वाले दौर में साम्प्रदायिक राजनीति की धूल आंधी में तब्दील हो जायेगी।

आजाद लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष भारत के किसी प्रदेश में कोई ऐसी भी सरकार आयेगी जो प्रेम की पवित्रता को ही साम्प्रदायिक चश्मे की नजर से देखने लगेगी। उत्तर प्रदेश सरकार हाल ही में तथाकथित लव जिहाद के ऊपर अध्यादेश लेकर आई है।

इस अध्यादेश के तहत शादी के लिए छल कपट प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा व जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ योगी सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है।अब इस बिल को 6 महीने के भीतर विधानसभा और विधानमंडल में पास कराना होगा।कानून विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध बिल के मसौदे को बुधवार को अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था।

शनिवार को राज्यपाल से बिल को मंजूरी मिलते ही यह प्रदेश में अध्यादेश के तौर पर लागू हो गया है। योगी सरकार के इस बिल का मकसद जबरन, छल-कपट या लालच देकर होने वाले धर्मांतरण को रोकना है।

सरकार औऱ न्यायपालिका के बीच नहीं बन रही जुगलबंदी!

दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के आरोप पर आया है अध्यादेश-

यह अध्यादेश ऐसे समय पर आया है। जब उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस ने लव जिहाद मामले में एक रिपोर्ट जारी की है।जिसमें इसे लेकर किसी तरीके की साजिश या विदेशी फंडिंग के सबूत नहीं मिले हैं।

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कुछ दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम युवा धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू लड़कियों से शादी कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें विदेश से फंड मिल रहा है और लड़कियों से उन्होंने अपनी पहचान छुपा रखी है।

इसकी जांच के लिए कानपुर रेंज के आईजी ने स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसआईटी का गठन भी किया था। मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है जहां पर लव जेहाद को लेकर कानून लाया गया है।

अगर वो नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की यात्रा तय है-

बीते दिनों हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कानून बनाने को कहा था उन्होंने जौनपुर में पार्टी की एक रैली में मुसलमानों को चेताते हुए कहा था एक प्रभावी कानून बनाएंगे छद्म वेश में चोरी-छिपे नाम छुपा कर के स्वरूप छुपा करके जो लोग बहन बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं।

उनको पहले से मेरी चेतावनी है अगर वह सुधरे नहीं तो राम नाम सत्य है की यात्रा शुरू होने वाली है राज्य के गृह विभाग ने विधि विभाग को लव जेहाद का सख्त कानून लाने का प्रस्ताव हाल ही में भेजा था उसके बाद सरकार इस पर अध्यादेश ले आई।

योगी सरकार लव जिहाद पर बना रही कानून,इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के अंदेशों के इतर दिया फैसला!

क्या है लव जिहाद कानून –

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी थी। इसे ही ‘लव जिहाद’ कानून कहा जा रहा है।

हालांकि, कानून के प्रस्ताव में कहीं भी इस टर्म का इस्तेमाल नहीं किया गया है।इसे अनुचित तरीके से विवाह के लिए धर्मांतरण कराने के बढ़ते मामलों को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा इस कानून के मुताबिक, धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी और यह बताना होगा कि धर्म परिवर्तन जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से नहीं किया जा रहा है। अनुमति से पहले 2 महीने का नोटिस देना होगा।

ऐसा न करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा होगी, वहीं कम से कम 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा। अगर कोई सिर्फ लड़की के धर्म परिवर्तन के लिए उसे शादी करेगा तो वह शादी शून्य मानी जाएगी, यानी उसे अमान्य माना जाएगा।

अगर कोई सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 3 साल से 10 साल तक सजा दी जाएगी। इसके अलावा कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भी देना होगा। साथ ही धर्म परिवर्तन में शामिल संगठनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

कानून में नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल तक की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती यानी नॉन बेलिबल होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।

अखिलेश यादव,बोले- लव जिहाद कानून का विधानसभा में विरोध करेगी सपा

अखिलेश यादव ने कथित ‘लव जिहाद’ पर सरकार द्वारा बनाये जा रहे कानून पर कहा कि सपा ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हमारी पार्टी इसका पूरी तरह विरोध करेगी।

सरकार एक तरफ अंतरजातीय और अन्‍तर्धामिक विवाह को प्रोत्‍साहन दे रही और दूसरी तरफ इस तरह का कानून बना रही है, तो यह दोहरा बर्ताव क्‍यों है? उल्लेखनीय है कि राज्‍यपाल की मंजूरी के बाद कथित ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ की अधिसूचना शनिवार को ही जारी की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here