नेटफ्लिक्स (Netflix) की बेताल(Betaal) देखने के बाद लोगों के मन में नेटफ्लिक्स के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहाँ नेटफ्लिक्स ने सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) और निर्भया केस पर बनी डेल्ही क्राइम (Delhi Crime) जैसी वेब सीरीज से लोगों को मनोरंजित किया है तो वहीं बेेताल (Betaal) के साथ वो बिल्कुल गलत दिशा में चले गए हैं। इस लेख में हम बेताल का रिव्यु करेंगे। (Betaal Review hindi)
बेताल(Betaal) की स्टारकास्ट
कास्ट: विनीत कुमार सिंह, अहाना कुमरा, सुचित्रा पिल्लई, जतिन गोस्वामी, जितेंद्र जोशी, सिद्धार्थ मेनन
बेताल श्रृंखला पैट्रिक ग्राहम द्वारा लिखित और निर्देशित है और निखिल महाजन द्वारा सह-निर्देशित है।
गौरतलब है कि इसको शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट द्वारा बनाया गया है।
नेटफ्लिक्स (Netflix) की बेताल(Betaal) और ज़ॉम्बी का पेेंच
यह नेटफ्लिक्स द्वारा एक ज़ॉम्बी (zombie)आधारित सीरीज है। इसमें छत्तीसगढ़ के निलज(Nilja village) गाँव की कहानी को दिखाया गया है।
दिक्कत यह है कि पहले सीज़न में ऐसा लगा ही नहीं कि इसमें ज़ॉम्बी या ज़िंदा लाशें हैं।
आपको बता दें ज़िंदा लाशें गोलियों से मर रही थीं !
वो भी सर पर नहीं कहीं भी गोली मारने से !
बेताल की कहानी
यदि ऐसा कहा जाए कि इसमें कोई कहानी थी ही नहीं तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगा ! बहरहाल, पूरी कहानी एक ऐसी सुरंग पर आधारित है जिसमें अंग्रेज़ों की एक पूरी फौज कैद कर दी गयी थी। यही फौज बाद में जाकर ज़ॉम्बी या ज़िंदा लाशें बनती हैं।
निलज(Nilja village)गाँव के लोग सालों से यह बात जानते थे और सुरंग की रक्षा कर रहे थे। एक लालची सख्श (मधलवन) जो सूर्या कंस्ट्रक्शन का मालिक होता है, उसे इस सुरंग के बीच से हाईवे बनाने का ठेका मिला होता है।
जब गाँव वाले इनको वहाँ खुदाई करने से रोकते हैं तब (मधलवन) गाँव वालों को नक्सली बता कर सी.आई.पी.डी. CIPD (जो शायद सी. आर. पी. एफ़. को दर्शाना चाहती है) की सुचित्रा पिल्लई(त्यागी) से मदद मांगकर उनको वहां से हटवाने की कोशिश करता है।
आखिर सी.आई.पी.डी. CIPD का बाज़ दस्ता गाँव वालों को बल पूर्वक हटा कर सुरंग खोल देता है।
इसके बाद ज़ॉम्बी (zombie) अपना खेल शुरू करते हैं।
यह ज़ॉम्बी अंग्रेजों की एक रेजिमेंट होती है जिसका मुखिया लेफ्टिनेंट कर्नल जॉन लिनडोक होता है जो काले जादू से बेताल पहाड़ के देवता को उसे अपनी शक्ति देने को मना लेता है।
अब हम लोग यह समझने में असमर्थ हैं वो अंग्रेज भारतीय देवता को अंग्रेजी में कैसे मना लेता है ?
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बेताल(Betaal) की कुछ दिक्कतें !
- कई लोगों का मानना है कि बेताल केवल कॉपी पेस्ट करी गयी एक कमज़ोर पटकथा है जिसमें मशहूर गेम ऑफ़ थ्रॉन्स(Game of Thrones) व कुछ पुरानी ज़ॉम्बी वाली कहानियों की खिचड़ी है।
- यह आपको बांधे रखने में बिल्कुल असमर्थ रहती है। ऐसा लगता है ये क्या हो रहा है ? क्यों हो रहा है ?
- मुख्य किरदार को बहुत देर में समझ में आता है कि उसका सामना ज़ॉम्बी से है जबकि कोई बच्चा भी कुछ देर में ही आगे की कहानी समझ जाए!
- स्क्रीनप्ले, एडिटिंग, म्यूज़िक और किरदारों का मेक अप सहित लाइटिंग भी दोयम दर्ज़े की साबित होती हैं।
- अंग्रेज़ों का पुराना बैरक लगभग ठीक हालत में 160 साल बाद भी होता है। उसमें लाइट भी होती है !
- कुछ किरदार जैसे भूल ही जाते हैं हैं उन्होंने पहले कुछ डायलॉग बोले हैं। कुछ देर में वो अपने पहले के कथन से ठीक विपरीत व्यवहार करते हैं।
- सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जॉन्बी डरावने कम और जोकर ज्यादा लग रहे थे।
हम आपको बेताल(Betaal Review hindi) के बारें में यही कह सकते हैं, अपने 180 मिनट इसपर ज़ाया न करें।
इससे अच्छा है रामसे ब्रदर्स की कोई पुरानी हिंदी फिल्म देख लें !