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प्रशांत भूषण के बाद कुणाल कामरा पर दर्ज हुआ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस,बोले न माफ़ी मांगूगा न वकील रखूंगा।

प्रशांत भूषण के बाद कुणाल कामरा पर दर्ज हुआ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस,बोले न माफ़ी मांगूगा न वकील रखूंगा।
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बीते दिनों सर्वोच्च अदालत ने देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण को न्यायालय अवमानना का दोषी मान केस चलाया था। सनद रहे कि कोर्ट का मानना था भूषण ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ जो ट्वीट किया था वो लोगों में कोर्ट की आस्था को कम करता है।

इस पर कोर्ट में तमाम सारी बहसों के बाद न्यायालय ने प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें सजा से माफ कर दिया गया था।

इस केस के बाद इन दिनों स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज हुआ है।उन्होंने अपने खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज होने के बाद देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के नाम एक संदेश जारी किया है।

उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि वो इस मामले में न तो माफ़ी माँगेंगे और न ही अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए कोई वकील रखेंगे।

अटॉर्नी जनरल ने दी है मुकदमा चलाने की अनुमति-

अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने ही सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक ट्वीट करने के लिए कुणाल पर न्यायालय की अवमानना का मामला चलाने की अनुमति दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। इसके बाद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सुप्रीम कोर्ट पर कथित अपमानजनक ट्वीट किया था।

इसके बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को आठ से अधिक पत्र मिले थे, जिनमें कामरा के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी।

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कुणाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखी पूरी बात-

कामरा ने लिखा प्रिय जजों और मिस्टर केके वेणुगोपाल,मैंने हाल ही में जो ट्वीट किए थे उन्हें न्यायालय की अवमानना वाला माना गया है। मैंने जो भी ट्वीट किए वो सुप्रीम कोर्ट के उस पक्षपातपूर्ण फ़ैसले के बारे में मेरे विचार थे जो अदालत ने प्राइम टाइम लाउडस्पीकर के लिए दिए थे।

मुझे लगता है कि मुझे मान लेना चाहिए: मुझे अदालत लगाने में और एक संज़ीदा दर्शकों वाले प्लैटफ़ॉर्म पर आने में मज़ा आता है।

सुप्रीम कोर्ट के जजों और देश के सबसे बड़े वकील तो शायद मेरे सबसे वीआईपी दर्शक होंगे। लेकिन मैं ये भी समझता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट का एक टाइम स्लॉट मेरे उन सभी एंटरटेनमेंट वेन्यू से अलग और दुर्लभ होगा, जहाँ मैं परफ़ॉर्म करता हूँ।

मेरे विचार बदले नहीं हैं क्योंकि दूसरों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी की आलोचना न हो, ऐसा नहीं हो सकता। मेरा अपने ट्वीट्स को वापस लेने या उनके लिए माफ़ी माँगने का कोई इरादा नहीं है। मेरा यक़ीन है कि मेरे ट्वीट्स ख़ुद अपना पक्ष बख़ूबी रखते हैं।

मैं सुझाना चाहूँगा कि मेरे मामले को जो वक़्त दिया जाएगा (प्रशांत भूषण के खिलाफ़ चले मामले का उदाहरण लें तो कम से कम 20 घंटे) वो दूसरे मामलों और लोगों को दिया जाए। मैं सुझाना चाहूँगा कि ये उन लोगों को दिया जाए जो मेरी तरह कतार तोड़कर आगे आने के लिए पर्याप्त भाग्यशाली नहीं हैं।

क्या मैं सुझा सकता हूँ कि मेरी सुनवाई का वक़्त नोटबंदी की याचिका, जम्मू-कश्मीर का ख़ास दर्जा वापस मिलने को लेकर दायर की गई याचिका और इलक्टोरल बॉन्ड जैसे उन अनगिनत मामलों को दिया जाए, जिन पर ध्यान दिए जाने की ज़्यादा ज़रूरत है।

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कुणाल को लेकर ट्विटर पर ट्रेंड चल पड़े-

कुणाल कामरा के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा है। ट्विटर पर #KunalKamra और #ContemptOfCourt ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग कुणाल कामरा के ‘बोल्ड’ विचारों के लिए उनकी सराहना कर रहे हैं तो कुछ उनका विरोध भी कर रहे हैं।

कुणाल कामरा पहली बार विवादों में नही आए हैं। इससे पहले भी इस वर्ष जनवरी के महीने में कुणाल कामरा पत्रकार अर्नब गोस्वामी से एक फ़्लाइट में उनकी सीट पर जाकर सवाल पूछते नज़र आए थे। यह वीडियो वायरल हो गया था। उस वीडियो में अर्नब गोस्वामी कुणाल को नज़रअंदाज़ करते हुए अपने लैपटॉप पर कुछ देखने में व्यस्त दिखते हैं।

इस घटना के बाद कुणाल पर इंडिगो ने छह महीने का यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था। कुणाल कामरा सोशल मीडिया पर काफ़ी मुखर होकर सरकार और सरकारी नीतियों की आलोचना करते रहते हैं।

कुणाल आगे अपनी पोस्ट में लिखते हैं अगर मैं वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की बात को थोड़ा घुमाकर कहूँ तो, क्या अगर ज़्यादा महत्वपूर्ण मामलों को मेरा वक़्त दे दिया जाए तो आसमान गिर जाएगा?

वैसे तो भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक मेरे ट्वीट्स को किसी श्रेणी (अवमानना की) में नहीं रखा है लेकिन अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें अदालत की अवमानना वाला बताने से पहले वो थोड़ा हँस सकते हैं।

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