जम्मू कश्मीर के अपहरण हुए 3 पुलिसकर्मी की हुई हत्या , हिजबुल मुजाहिद्दीन ने ली ज़िम्मेदारी

Reading Time: 3 minutes
बेखौफ भारतीय जवानो का कत्लेआम जम्मू कश्मीर में जारी है। आज फिर एक आतकवादी संगढन ने जम्मू कश्मीर के शोपियां में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। यह सिलसिला यहाँ काफी दिनों से अपने उफान पर हैं कभी पुलिसकर्मियों को नौकरी छोड़ने की धमकी दी जाती , कभी उनके रिस्तेदारो को बंदी बना लिया जाता तो कभी पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी जाती और हमारी सरकार मूकदर्शक बनी सब कुछ देखती रहती और जब कोई इनसे सवाल करता है तो वह कुछ ऐसे आंकड़े पेश करते जिसमे ज़ुल्म कम होता और हत्याओं पर अंकुश लगता दिखाई देता हैं।

क्या सरकार के आंकड़े सही हैं ?

21 सितम्बर , सुबह जम्मू कश्मीर पुलिस अपहरण हुए 3 पुलिसकर्मियों कि तलाश में निकली। सर्च के दौरान जवानो को वंगम इलाके में एक बाग़ में 3 लोग ज़मीन पर पड़े दिखाई दिए। जब जवान उनके पास पहुंचते है तो पता चलता कि ये वही पुलिस कर्मियों की लाश हैं जिनका गरुवार की देर रात में अपहरण कर लिया गया था। तफ्तीश में पता चलता है की इनमे से दो विशेष पुलिसकर्मी निसार अहमद और कुलवंत सिंह थे और एक फिरदौस अहमद रेलवे में कार्यरत थे जिन्हे कॉन्टेबल बनाने की प्रक्रिया चल रही थी।
सूत्रों कि माने तो मंगलवार को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक वीडियो के माध्यम से पुलिसकर्मियों को नौकरी छोड़ने की धमकी दी थी , और कहा की सभी एसपीओ पुलिस को उग्रवादियों की सूचना ना दें उनके कमांडर रियाज नाइकू ने कहा कि ”मेरा कहा न माना गया तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाना” इस संगठन ने कश्मीर के युवको से कहा की वह कश्मीर पुलिस में भर्ती न ले। इन हत्याओं और धमकियों के बीच कश्मीर के 6 पुलिस कर्मियों ने इस्तीफा भी दे दिया है।

मार्च से ले कर अब-तक आतंकवादी ने कभी जवानो के घर घुस कर उनको धमकी दी तो कभी उनकी हत्या को अंजाम दिया है। जून में औरंगजेब की हत्या की तो यही एसपीओ को निशाना बनाया गया। कुलगाम में 4 दिन पहले भी एक जवान की हत्या का मामला सामने आया था। लांस नायक मुख्‍तार अहमद मलिक कुलगाम में अपने बेटे की अंतिम संस्‍कार के लिए घर आए हुए थे, जब आतंकियों ने उन्‍हें अपना निशाना बनाया। मलिक के बेटे की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
पुलिस से बात-चीत के दौरान यह पता चला की बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकवादियों का पीछा किया था। ग्रामीणों ने उनसे पुलिसकर्मी को अपहरण न करने की गुहार लगायी थी परन्तु आतंकवादियों ने हवा में गोली चला कर ग्रामीणों को धमकी दी और वहाँ से चले गये। तफ्दीश में लगी पुलिस को ग्रामीणों ने बताया की आतंकवादी उन्हें नदी पार ले गये हैं और उन्हें वही पे गोली मारी हैं। उन्होंने पुलिसकर्मी समेत उनके भाई को भी अगवा किया था बाद में उसे छोड़ दिया गया। हिजबुल मुजाहिदीन संगठन से कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर इस अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देने का दावा किया है।

बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तान के सैनिकों ने

बीएसएफ जवान की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी और फिर

उसके शरीर में दो गोली भी मारी थी।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव होने हैं और आतंकी उसमें बाधा डालने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों को धमकी दी है। हिजबुल के चीफ ऑपरेशन कमांडर रियाज अहमद नाईकू ने कहा था कि ”लोग पंचायत चुनाव से दूर रहें नहीं तो फिर नतीजा भुगतने को तैयार रहें”



LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here