उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायती चुनाव को लेकर सूबे की सरकार ने कमर कसना शुरू कर दिया है।
इसके लिए नई कार्ययोजनाओं को अमल में लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर सूबे की सरकार कुछ बड़े फैसले लेने को तत्पर है।
ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावों को लेकर योगी सरकार बड़ा संशोधन करने की तैयारी में है।
दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकती है।
इसके साथ ही उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित करने की तैयारी है। बता दें कि कैबिनेट के माध्यम से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।
तय हो सकती है चुनाव लड़ने वालों की योग्यता
दरअसल, यूपी के पंचायती राज्य मंत्री खुद इसके पक्षधर हैं।
इसके अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान समेत अन्य नेता भी इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी दिशा निर्देश तय किए जा रहे हैं हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला मुख्यमंत्री को ही लेना है।
नई योग्यता के ये हो सकते है मानक
सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी।
ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास होगी, जबकि 12वीं पास उम्मीदवार ही जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ सकेंगे।
जिला पंचायत के लिए महिला, आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर सरकार में सहमति भी बन चुकी है।
इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक विधानसभा के अगले सत्र में पेश पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश हो सकता है।
कोरोना की वजह बढ़ गई है पंचायती चुनावों की तारीख़
गौरतलब है कि अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नया कानून लागू करने की कवायद शुरू हो चुकी है।
कोरोना महामारी के चलते यूपी में तय समय पर पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी नही हुई हैं।
लिहाजा इसे आगे बढ़ा दिया गया है।
पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में प्रस्तावित थे।