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सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने पर अड़ा पीड़ित परिवार, हाथरस जा रहे भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद!

सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने पर अड़ा पीड़ित परिवार हाथरस जा रहे भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद!
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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद हाथरस मामले में लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। रविवार को मृतक दलित युवती के परिवार से भी मिलने जा रहे हैं। चंद्रशेखर ने शनिवार को ट्वीट किया था कि उन्हें शक है कि सरकार पीड़ित परिवार को ही दोषी बना देगी। इस मामले को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं।

गाँधी जयंती के दिन पार्टी कार्यकर्ताओं संग किया था प्रदर्शन-

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नामचीन हस्तियां पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए एकत्र हुए थे।

चंद्रशेखर के अलावा कई और नेता करेंगे पीड़ित परिवार से मुलाकात-

चंद्रशेखर आज़ाद के अलावा समाजवादी पार्टी के 11 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के नेतृत्व में पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा। राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी भी आज हाथरस में पीड़िता के गांव पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाक़ात करेंगे।

सरकार ने सीबीआई जांच कराने की संतुष्टि दी है-

हाथरस केस की जांच अब सीबीआई को सौंपी जाएगी। सीएम योगी सरकार ने इसके आदेश दे दिए हैं। सीएम ऑफिस की तरफ से एक ट्वीट में बताया गया-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्पूर्ण हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं

सीएम ने कहा कि हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और जुड़े सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल के मकसद से यूपी सरकार इस प्रकरण की विवेचना CBI के जरिए कराने की सिफारिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध हैं।

पीड़ित परिवार घटना की न्यायिक जाँच पर अड़ा हुआ है

शनिवार को परिजनों से मिलने गए राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक के साथ बातचीत में परिजनों ने कई सवाल उनके सामने रखे और इस बात पर भी ऐतराज़ जताया कि उन्हें झूठा साबित करने की कोशिशें की जा रही हैं। उनका मानना ही की हम पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराना चाह रहे हैं, ताकि हमें न्याय मिल सके।

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राहुल-प्रियंका ने की परिवार से मुलाकात

राहुल गांधी-प्रियंका गांधी भी शनिवार रात को हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। प्रियंका ने परिवार में बिटिया की मां और पिता से बातचीत की। राहुल गांधी ने परिवार से मिलने के बाद कहा है कि हाथरस केस में पीड़ित परिवार की रक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की है। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत पीड़ित परिवार की आवाज नहीं दबा सकती।

अमित मालवीय ने शेयर की वीडियो, हो सकती है कार्रवाई

बीजेपी के आईटी हेड अमित मालवीय पिछले कुछ दिन से हाथरस मामले पर ट्वीट कर रहे हैं लेकिन एक ट्वीट को लेकर उन पर क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि वह बीजेपी के आईटी हेड अमित मालवीय के ट्वीट का संज्ञान लेगी जिस ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि वो हाथरस की लड़की का बयान है।

इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि हाथरस की पीड़िता अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाहर एक रिपोर्टर को बता रही है कि उसका गला घोंटने की कोशिश हुई।

इस वीडियो में मृतक युवती का चेहरा साफ़ नज़र आ रहा है।

भारतीय क़ानून के अनुसार यौन हिंसा के मामलों में पीड़िता की पहचान ज़ाहिर नहीं की जा सकती। यहाँ तक कि यौन हिंसा या बलात्कार का शक़ होने पर भी पीड़िता की पहचान ज़ाहिर नहीं की जा सकती है।

उन्होंने लिखा कि इसका मतलब ये नहीं कि अपराध को कम आंका जा रहा है लेकिन एक गंभीर अपराध को दूसरे किसी गंभीर अपराध का रंग देना उचित नहीं।अमित मालवीय ने दो अक्तूबर को ये वीडियो ट्वीट किया था और इसमें लड़की का चेहरा साफ़ नज़र आ रहा है।

अधिकतम क्या कार्यवाही हो सकती है मालवीय पर?

अमित मालवीय के यह वीडियो शेयर करने के बाद इस पर विवाद होने लगा लेकिन विरोध के बावजूद उन्होंने ख़बर लिखे जाने तक इसे डिलीट नहीं किया था।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘अगर वो बलात्कार पीड़िता है तो उसका वीडियो ट्वीट करना दुर्भाग्यपूर्ण और ग़ैर-क़ानूनी है।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के मुताबिक़ अगर कोई किसी यौन हिंसा के पीड़िता या संभावित पीड़िता की पहचान उजागर करता है तो उसे दो साल तक की जेल हो सकती है।

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साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी ये स्पष्ट किया था कि आईपीसी के सेक्शन 228A(2) का मतलब सिर्फ पीड़िता का नाम उजागर करना नहीं बल्कि मीडिया में छपी किसी भी जानकारी से उसकी पहचान नहीं उजागर होनी चाहिए।

कोर्ट ने ये भी कहा कि पीड़िता की मौत के बावजूद भी उसकी पहचान उजागर नहीं की जा सकती, चाहे उसके परिवार ने ही इसकी इजाज़त दी हो।

बीजेपी विधायक ने कहा-लड़कियों को संस्कारी बनाओ, तभी रुकेंगे बलात्कार-

हाथरस की ही घटना को लेकर बीजेपी के एक विधायक का आपत्तिजनक बयान सामने आया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बयान का वीडियो शेयर किया है।

वीडियो में विधायक हाथरस की घटना को लेकर कह रहे हैं, ”इस तरह की घटनाओं को संस्कार से ही रोका जा सकता है, ये शासन और तलवार से नहीं रूक सकती। मां-बाप को अपनी जवान बेटियों को संस्कारित वातावरण में रहने, चलने और शालीन व्यवहार प्रस्तुत करने का तरीका सिखाना चाहिए, सरकार का भी धर्म है और परिवार का भी धर्म है।

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बीजेपी विधायक के इस बयान की भी जमकर आलोचना हो रही है-

हालांकि हाथरस मामले में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच करवाने की सिफ़ारिश की है, लेकिन एएनआई न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़ एसआईटी के सदस्यों का कहना है कि वे भी अपनी जांच जारी रखेंगे। रविवार को सुबह एसआईटी की टीम परिवार के लोगों का बयान दर्ज करने भी पहुंची।

शनिवार को उत्तर प्रदेश के आला अधिकारी भी हाथरस पहुंचे। गृह सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी एचसी अवस्थी हाथरस के पीड़ित परिवार से मिले।

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