आधार की मदद से 2100 करोड़ का राशन घोटाला ! कोटेदार,अधिकारी या दोनों ,कौन है इसका ज़िम्मेदार?

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हाल ही में उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग में एक बड़े घोटाले का पता चला है। शुरूआती आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह घोटाला 2100 करोड़ रुपये का है जोकि प्रदेश के 44 जिलों में हुआ है और हो सकता है कि अभी इनकी संख्या और बढ़े।

यह घोटाला आधार कार्ड में हेरा-फेरी के आधार पर हुआ है। चूँकि अब राशन वितरण प्रणाली बायोमेट्रिक आधार पर की जाती है और अब इसमें आधार कार्ड संख्या के साथ उपभोक्ता के अंगूठे का निशान भी मिलाया जाता है, दोनों का मिलान होने पर ही राशन दिया जाता है तो इस प्रकार से यह राशन वितरण प्रणाली की पारदर्शी व्यवस्था है। सरकारी दुकानों के कोटेदारों का दावा है कि उनके स्तर पर ये संभव ही नहीं है क्योंकि सारा काम ऑनलाइन होता है।

एक कार्ड पर एक बार राशन लेने के बाद उसी आधार कार्ड पर दुबारा राशन नहीं मिल सकता, इसलिए ये गड़बड़ी अफसरों के स्तर पर हुई है। बिना किसी बाहरी दबाव या किसी ऊपर के व्यक्ति का हाथ हुए बिना ये घोटाला होना असंभव है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस घोटाले की जांच एस.टी.एफ. से कराने के आदेश दे दिए हैं ।

यूपी एस.टी.एफ. ने खाद्यान्न घोटाले में तीन घोटालेबाजों को पकड़ा है।इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अल्तमश और पुष्पेंद्र पाल के रूप में हुई है।पुष्पेंद्र पाल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ये आरोपी कोटेदार और कंप्यूटर ऑपरेटर हैं।

हालांकि इस घोटाले की सबसे पहली खबर मेरठ में पता चली था मगर इसके सबसे ज्यादा केस इलाहाबाद में हुए। सरकार ने इसमें कोटेदारो के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा दिया है, जिससे कि कोटेदार परेशान हैं। उनका कहना है कि जब पूरी वितरण प्रणाली ही ऑनलाइन है, सब कुछ पूरी तरह से ऑनलाइन सुरक्षित है, उनके पास तो न पासवर्ड है और न ही ये तय करने का अधिकार है कि किसे राशन देना है और किसे नहीं तो वो इस घोटाले में किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं। एफ.आई.आर. दर्ज होने पर नोएडा के कोटेदार भी बहुत परेशान हैं ।

उन्होंने अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा। कोटेदारों ने मांग है कि उनके खिलाफ एफआईआर को वापस लिया जाए, राशन घोटाले में आपूर्ति विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाए।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतगर्त होम डीलवरी लागू की जाए। कोटेदारों को मानदेय 25000 और अन्य प्रदेशों की तरह 200 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन दिया जाए। कोटेदारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वह 25 सितंबर से दिल्ली जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर जेल भरों आंदोलन शुरू करेंगे।




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